गीत by डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह11:59 pmएक सागर की कथा है , जिंदगी मुझमे व्यथा है // बह रहा हूँ धार सा मै , जूझता मंझधार सा मै , घूमता फिरता रहा हूँ , हवा में तिरता रहा हूँ , मन ...Read More
by डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह8:28 pm गीत छोटी सी इक किरण से आकाश ने कहा, तुम खिल कर बिखरती हो पर मै थमा रहा , ओंठो पर मुस्कुराहटें कितनी ही आ गयीं , पहले किरण हंसी फिर थोडा लज...Read More
तुम by डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह7:59 pmतुम रहे हो जिंदगी में एक आदत की तरह / हम जिए तुमको इबादत की तरह // तुम हमें मुस्कान से छल ने लगे / आजकल की इस सियासत की त...Read More
ग़ज़ल by डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह10:32 pmजिन्दगी आसपास है / जाने क्यों फिर उदास है ?// टूटता है मन यहाँ बहुत / हर कोई किसी का खास है // भटक रही है रौशनी यहाँ / आज तम मे ही उजास ह...Read More
pyar by डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह12:47 pmप्यार किसने देखा है ? वह वृत्त है या रेखा है ? सरल है या गोला है ? ठोस है या पोला है ? कठिन है या भोला है ? लेकिन दोस्त ये पैमाने तो प्...Read More