बात की बात में ............................................
बात की बात में कहानी लिख /
उम्र को दर्द की जवानी लिख //
मां ने पाला जिसे तपस्या से /
उसी बचपन को अब जवानी लिख//
आग से कैसे बचे अब बस्ती?
ऐसी कुछधूल ,रेत ,पानी लिख//
लोग खंजर लिए हुए हैं मन में/
उन्ही के रहमोकरम लिख ,तू राजधानी लिख //
जो पैर पेट में दे सोते हैं आसमां के तले /
कि उनके दर्द की तल्खी तू आनी जानी लिख //
अगर तू चाहता है कि ये आबो हवा साफ़ रहें /
तू मेरे,सूर,और कबीर जैसी बानी लिख//
बात की बात में कहानी लिख /
उम्र को दर्द की जवानी लिख //
मां ने पाला जिसे तपस्या से /
उसी बचपन को अब जवानी लिख//
आग से कैसे बचे अब बस्ती?
ऐसी कुछधूल ,रेत ,पानी लिख//
लोग खंजर लिए हुए हैं मन में/
उन्ही के रहमोकरम लिख ,तू राजधानी लिख //
जो पैर पेट में दे सोते हैं आसमां के तले /
कि उनके दर्द की तल्खी तू आनी जानी लिख //
अगर तू चाहता है कि ये आबो हवा साफ़ रहें /
तू मेरे,सूर,और कबीर जैसी बानी लिख//
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