शहनाई के सुर............ शहनाई के मीठे सुर से कुछ पल को यूं बात हुई , जैसे तेरा दामन पकड़ा ,तुम से इक मुलाकात हुई, खोया खोया चाँद किसी की य...Read More
Reviewed by डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह
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12:01 am
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मानवीय मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता ,स्नेह और आत्मीयता के चलते सभी को अपने साथ समेट लेने की आकांक्षा ,पूरी हो ,ना हो पर है तो ,जीवन में सब कुछ चाह कर कहाँ मिल पाता है ?बहुत मिला हार्दिक धन्यवाद