कोई सपना है जिसे आंखों ने फ़िर पाया है , एक आइना है जिसमे तू नज़र आया है , रंग है रूप है ,कुछ धूप है जवानी की , याद है ,दर्द है ,कुछ प्यास है...Read More
गीत
Reviewed by डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह
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8:34 pm
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मानवीय मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता ,स्नेह और आत्मीयता के चलते सभी को अपने साथ समेट लेने की आकांक्षा ,पूरी हो ,ना हो पर है तो ,जीवन में सब कुछ चाह कर कहाँ मिल पाता है ?बहुत मिला हार्दिक धन्यवाद