खोजता हूं ........
खोजता हूं मैं एक खिड़की सी किसी दीवार में ,
दे सके जो एक झोंका हवा का सा प्यार में //
जो पुरातन बंधनों को सह न पाए एक पल ,
देख कर जिसको मिले हर प्यार को इक नया बल,
जो किसी उन्माद सा इस ज़िन्दगी को जी सके ,
जो युगों का मान-मर्दन कर लिखे बस एक पल ,
एक दीया काश ऐसा जल सके परिवार में //
हर गली में गीत गाता ,घूमता फिरता रहे ,
सूर्य सा जलता ख़ुशी से ,हवा में तिरता रहे ,
जो समय के दंश को भी ,ले सके उपहार सा ,
बांटता खुशियाँ रहे गो दर्द में घिरता रहे ,
एक भी मिल जाय तो रस्ता मिले मंझधार में //
कांपती सर्दी बने या जेठ की बेहद तपन,
पावं धरती पर मगर हों आँख मे कोई सपन ,
कर सके महसूस औरों को भी अपनी ही तरह ,
ए मेरे मालिक किसी को दे भी दे ऐसी लगन ,
जो करे मन से करे ,मन दे सके आभार में //
दे सके जो एक झोंका हवा का सा प्यार में //
जो पुरातन बंधनों को सह न पाए एक पल ,
देख कर जिसको मिले हर प्यार को इक नया बल,
जो किसी उन्माद सा इस ज़िन्दगी को जी सके ,
जो युगों का मान-मर्दन कर लिखे बस एक पल ,
एक दीया काश ऐसा जल सके परिवार में //
हर गली में गीत गाता ,घूमता फिरता रहे ,
सूर्य सा जलता ख़ुशी से ,हवा में तिरता रहे ,
जो समय के दंश को भी ,ले सके उपहार सा ,
बांटता खुशियाँ रहे गो दर्द में घिरता रहे ,
एक भी मिल जाय तो रस्ता मिले मंझधार में //
कांपती सर्दी बने या जेठ की बेहद तपन,
पावं धरती पर मगर हों आँख मे कोई सपन ,
कर सके महसूस औरों को भी अपनी ही तरह ,
ए मेरे मालिक किसी को दे भी दे ऐसी लगन ,
जो करे मन से करे ,मन दे सके आभार में //
अच्छे रिदम मे बहुत सुन्दर तरीके से अपनी भावनाओं को प्रस्तुत किया है आपने.
जवाब देंहटाएं-
सागर by AMIT K SAGAR
बहुत ही खूब्सूरत सर...आप तो खुद ही गज़ल हुये जा रहे है....लाजवाब ऐसी प्रार्थना...
जवाब देंहटाएंअमित भाई,चंदर जी ,आप दोनों बंधुओं का हार्दिक आभार /आगे भी स्नेह बनाये रखिये यूं ही /सस्नेह ,
जवाब देंहटाएंभूपेन्द्र