तुम नही तो क्या ,तुम्हारी ज्योत्सना तो साथ है , आज काँटों का सुमन के हाथ में फ़िर हाथ है , रोशनी की लौ लपक कर चूमती आकाश को , और पतझर की उदास...Read More
गीत
Reviewed by डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह
on
8:42 pm
Rating: 5
अर्चना के पुष्प का यह थाल, ज्यों दीप्त दीपित ,श्रेष्ठ ,उन्नत भाल , हर सुबह के साथ नया प्रकाश , नावों ने फहरा दिए फ़िर पाल,//अर्चना .............Read More
गीत
Reviewed by डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह
on
8:19 pm
Rating: 5
दर्द के ,प्यास के पर क़तर जायेंगे , मुद्दतों बाद हम अपने घर जायेंगे , रौशनी बंद गलियों में फिरती रही , यह अंधेरे दियों को निगल जायेंगे , किस...Read More
ग़ज़ल
Reviewed by डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह
on
8:09 pm
Rating: 5
मेरा नन्हा ,मेरा मुन्ना , मेरा प्यारा, मेरा राजा , कहीं पर सो रहा होगा , कहीं पर जग रहा होगा , समय के तेज़ झोंकों में भी , सपना हो रहा होगा...Read More
मेरा मुन्ना
Reviewed by डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह
on
7:51 pm
Rating: 5
मानवीय मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता ,स्नेह और आत्मीयता के चलते सभी को अपने साथ समेट लेने की आकांक्षा ,पूरी हो ,ना हो पर है तो ,जीवन में सब कुछ चाह कर कहाँ मिल पाता है ?बहुत मिला हार्दिक धन्यवाद