कविता के एक ब्लॉग पर इतिहास उतरते हुए देख कर अचम्भा मत कीजिये /आज ऐसा ही हुआ जब ग्वालियर के रूपसिंह स्टेदीयम पर सचिन तेंदुलकर का बल्ला अपनी...Read More
देखना एक इतिहास को बनते हुए
Reviewed by डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह
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11:35 pm
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मानवीय मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता ,स्नेह और आत्मीयता के चलते सभी को अपने साथ समेट लेने की आकांक्षा ,पूरी हो ,ना हो पर है तो ,जीवन में सब कुछ चाह कर कहाँ मिल पाता है ?बहुत मिला हार्दिक धन्यवाद