Header Ads

Blog Mandli
indiae.in
we are in
linkwithin.com www.hamarivani.com रफ़्तार चिट्ठाजगत
Breaking News
recent

गीत

तेरी  इक निगाह के  कमाल से,

मेरा मन ये सावन हो गया ,

तेरी मीठी-मीठी छुवन भली ,

 कि ये दर्द पावन  हो गया //

कहाँ रोशनी की मज़ाल थी,

जो वो छू सके तम के शिखर ,

तेरी जुस्तजू का  असर हुआ ,

कि जो धूप सा मन हो गया //
चले हम हज़ार कदम यहाँ ,
तेरी इक हंसी लिये साथ में ,
वही याद भर को  नमी भी है,


,वही मन भी दर्पण हो गया //
यहाँ ज़िदगी थकने लगी ,
हुआ प्यार सूखे ताल सा ,
यहाँ बाग थे ,घर ,गाँव थे ,
जिन्हे खो के मन अनमन हुआ //
मेरे पास वो रूमाल है ,
जिसमे तुम्हारी याद है ,
तेरे आंसुओं की नमी भी है ,
यही प्राप्ति का क्षण हो गया //

1 टिप्पणी:

© डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह. Blogger द्वारा संचालित.