बाल गीत 2
नन्हा मुन्ना बच्चा हूँ ,
सीधा सादा सच्चा हूँ ,
हरदम मैं मुस्काता हूँ,
उल्टा सीधा गाता हूँ ,
रोता भी हूँ कभी कभी ,
हो जाता जब गुच्छा हूँ //
पापा बनते हैं घोडा ,
मम्मी भी थोडा थोडा ,
करता खूब सवारी हूँ ,
घुड़सवार मैं अच्छा हूँ //
जब तब करता शैतानी ,
धमाचौकड़ी मनमानी ,
खूब धमाल मचाता हूँ,
पढ़ने मे कुछ कच्चा हूँ //
प्यारी है मेरी मम्मी ,
हरदम लेती है चुम्मी ,
पापा बडे निराले हैं ,
उनका ही तो बच्चा हूँ//
Bahut Sunder....
जवाब देंहटाएंबढ़िया बाल गीत.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बाल कविता बच्चों की मन की बात अच्छी लगी , बधाई
जवाब देंहटाएंसुंदर गीत, बधाई।
जवाब देंहटाएं---------
ब्लॉगवाणी: ब्लॉग समीक्षा का एक विनम्र प्रयास।
बहुत सुन्दर बाल कविता|
जवाब देंहटाएंअच्छा लिखते हो , बहुत रचनाएँ पढने के बाद लगा कि आपका लेखन मानवीय मूल्यों पर आधारित है ..आप इसे बनाये रखें ...मेरे ब्लॉग पर आकर उत्साहवर्धन के लिए आपका तहे दिल से शुक्रिया ...आशा है आपका मार्गदर्शन यूँ ही मिलता रहेगा ..आपका आभार
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर बाल कविता
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर गीत रचा है आपने..... बच्चो का मनभावन .....
जवाब देंहटाएं-----------
चैतन्य के ब्लॉग पर आने के लिए आभार .....
बहुत प्याली - प्याली सी है ये लचना |
जवाब देंहटाएंबहुत खुबसूरत रचना एसा लगा जेसे छोटा बच्चा खूब गा कर सुना रहा हो |