ज़िन्दगी का एक भी कद आज आदमकद नही / उम्र की खामोशियों का मीत मेरे ग़म नही // क्यों भला देते रहें हम अर्घ्य सूरज को सदा ? इन अंधेरों के शहर म...Read More
ग़ज़ल
Reviewed by डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह
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4:31 pm
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झिलमिल झिलमिल नन्हे तारों , हैरानी है कि तुम क्या हो ? इतने ऊंचे नील गगन में , हीरों जैसे चमक रहे हो , जब जलता सूरज थमता है , ओस कणों से क़र...Read More
ट्विंकलट्विंकल लिटिल स्टार का अनुवाद [बाल गीत ]
Reviewed by डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह
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6:05 pm
Rating: 5
किसने किसने ..... कु छ कहो कि तुमने मन जीता , कुछ सुनो कि सब रीता -रीता , इतने बादल , इतनी वर्षा , फ़िर पानी को क्यों मन तरसा ? क्यों मैं हा...Read More
Reviewed by डॉ.भूपेन्द्र कुमार सिंह
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10:27 pm
Rating: 5
मानवीय मूल्यों के प्रति प्रतिबद्धता ,स्नेह और आत्मीयता के चलते सभी को अपने साथ समेट लेने की आकांक्षा ,पूरी हो ,ना हो पर है तो ,जीवन में सब कुछ चाह कर कहाँ मिल पाता है ?बहुत मिला हार्दिक धन्यवाद